अगली चैत्र नवरात्रि तक खत्म हो जाएगा लाल आतंक

 छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में केंद्रीय गृह मंत्री का ऐलान

अगली चैत्र नवरात्रि तक खत्म हो जाएगा लाल आतंक

अमित शाह ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील की

मुख्यधारा में शामिल हो जाइए, आप सब हमारे अपने हैं

दंतेवाड़ा/रायपुर (एजेंसी) । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा, आज मैं मां दंतेश्वरी से आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगले चैत्र नवरात्रि तक यहां से लाल आतंक समाप्त हो जाए और हमारा बस्तर खुशहाल हो। उन्होंने बस्तर के महराजा प्रवीरचंद भंजदेव को याद किया और कहा कि भंजेदव की हत्या कांग्रेस का षड्यंत्र था। केंद्रीय गृहमंत्री शाह बस्तर की समृद्ध जनजातीय संस्कृति से देश-दुनिया को परिचित कराने के लिए दंतेवाड़ा में आयोजित बस्तर पंडुम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत माता की जय से करते हुए कहाआज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी है। मैं अभी-अभी मैं मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर यहां आया हूं कि अगली चैत्र नवरात्रि में यहां से लाल आतंक खत्म हो जाए और हमारा बस्तर फिर से खुशहाल हो। दंतेश्वरी माई की जय और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारे लगाते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाआज अष्टमी और रामनवमी दोनों है। आज रामलला का जन्मदिन है और मैं उनके ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ में आया हुआ हूं। पूरे देश को रामनवमी की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि बस्तर से नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है। नक्सलियों से अपील है कि वे आत्मसमर्पण करें। नक्सलियों को सरेंडर कराकर गांवों को नक्सल मुक्त कराइए। हर गांव को एक करोड़ मिलेगा।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलियों से एक बार फिर अपील करते हुए कहाअब वो जमाना चला गयाजब यहां पर गोलियां चलती थींबम धमाके होते थेजिनके हाथों में हथियार हैं और जिनके हाथों में हथियार नहीं हैंउन सभी नक्सलियों से आह्वान करता हूं कि आप हथियार डाल दीजिए और मुख्यधारा में शामिल हो जाइए। आप हमारे अपने हैं। कोई भी नक्सली मारा जाता है तो किसी को खुशी नहीं मिलती हैलेकिन इस क्षेत्र को विकास चाहिए। जो 50 साल में विकास नहीं हुआ वो हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच साल में करके दिखाना चाहते हैंलेकिन यह तभी होगा जब बस्तर के अंदर शांति होगी। बच्चे स्कूल जाएंगे। यहां के लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने कहा कि अब तक साल 2025 में 521 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। साल 2024 में 881 नक्सली सरेंडर कर चुके हैंजो सरेंडर करेंगे वो मुख्यधारा में होंगे और जो हथियार लेकर रहेंगे उनके साथ सुरक्षाकर्मी सामना करेंगे। शाह ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि मार्च 2026 से पहले देश नक्सल मुक्त होगा। आज धड़ल्ले से 50 हजार आदिवासी भाई-बहनों के साथ अष्टमी और रामनवमी मनाई जा रही है। जहां कभी-कभी गोलियां चलती थी अब वहां मशीनों की आवाज आ रही है। जहां कभी गांव वीरान थे। अब स्कूलों की घंटियां बज रही हैं। सड़क जहां स्वप्न थावहां हाईवे बन रहे हैं। जहां बच्चा स्कूल जाने से डरता थावहां कंप्यूटर पर बच्चा पूर्व विश्व के साथ बात कर रहा है। बस्तर का विकास इसलिए है कि अब कोई नक्सलवाद से जुड़ता नहीं है। विकास और विश्वास के साथ बस्तर के लोग आगे बढ़ रहे हैं।

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समारोह में बड़ी संख्या में आए आदिवासियों से अमित शाह ने कहा, इस साल बस्तर पंडुम बस्तर के उत्सव के रूप में मनाया गया। लेकिन मैं मोदी जी का संदेश लेकर आया हूं। अगले साल बस्तर पंडुमयही नाम के साथ देश के हर आदिवासी जिले से कलाकारों को हम यहां लाएंगे। यही नहीं हम बस्तर पंडुम को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने के लिए दुनियाभर के राजदूत जो राजधानी में हैंउनको बस्तर में लाकर हमारी परंपराओं कोसंस्कृति को और आदिवासी बच्चों की कला को पूरे विश्व में पहुंचाने का काम भाजपा की सरकार करेगी। 12 मार्च से लेकर आज तक जिला प्रशासन और संस्कृति विभाग ने पांच करोड़ का आवंटन किया हैजो सबसे पहला इतना बड़ा संस्कृतिक आयोजन है। स्थानीय कला और संस्कृतिपारंपरिक लोककलाएंशिल्पतीज-त्योहारखान-पानबोली-भाषारीति-रिवाजवेशभूषाआभूषणवाद्य यंत्रपारंपरिक गीत-संगीतव्यंजनपेय पदार्थ-इन सभी को मूल रूप में संवंर्धित और संरक्षित करने का काम यह पंडुम करेगा।

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अमित शाह ने अपने उद्बोधन के पूर्व बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के दर्शन किए। इसके बाद वे बस्तर पंडुम कार्यक्रम शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी और माई दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री साय और उप मुख्यमंत्री ने अमित शाह को गौर मुकुट पहनाया। साथ ही ध्रुवा जनजाति के प्रसिद्ध सिहाड़ी बीज से बनी माला पहनाकर उनका स्वागत किया। मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना करने के बाद अमित शाह सीधे दंतेवाड़ा के हाई स्कूल मैदान बस्तर पंडुम महोत्सव कार्यक्रम में पहुंचे जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अमित शाह को गौर मुकुट पहनाया। साथ ही ध्रुवा जनजाति के प्रसिद्ध सिहाड़ी बीज से बनी माला पहनाकर बस्तरिया अंदाज में उनका स्वागत किया गया। इसके अलावा गृहमंत्री को बस्तर संभाग के कोंड़गांव जिले का प्रसिद्ध डोकरा आर्ट भेंट किया गया।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव सायउप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं विजय शर्मामंत्री रामविचार नेतामकेदार कश्यपभाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देवदंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआसचिव राहुल भगतबस्तर के कमिश्नर डोमन सिंहबस्तर के आईजी सुंदरराज पी, दंतेवाड़ा के एसपी गौरव रॉय सहित जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहाहमारे सुरक्षाबल के जवान बहुत ही मजबूती के साथ लड़ाई लड़ रहे हैं। नक्सल मोर्चे पर लगातार सफलता मिल रही है। हमें पूरा भरोसा है की मां दंतेश्वरी की कृपा से केंद्रीय गृहमंत्री का मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ सहित देश को नक्सलमुक्त करने का संकल्प पूरा होगा। छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका यहां का पर्यटन स्थल हैजो स्वर्ग जैसा है यहां पर फिर पुराना समय आएगा और देश-दुनिया के लोग आएंगे।

सीएम साय ने कहायह बस्तर पंडुम 45 दिनों तक चला है। यह ब्लॉक स्तर से शुरू होकर जिला और संभाग स्तर पर समापन हो रहा है। इसमें ओडिशाकर्नाटकतेलंगानामध्य प्रदेशमहाराष्ट्र के करीब 27 हजार कलाकारों ने हिस्सा लिया। इसमें आदिवासी संस्कृतिवेशभूषाभाषा-शैलीसाहित्यखान-पान सब का समावेश हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी की एक राष्ट्र और एक एक भारतश्रेष्ठ भारत के सपने को साकार किया है। बस्तर पंडुम 18 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं। इसके पहले बस्तर ओलंपिक का भी शानदार आयोजन किया गया था। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंडुम के कलाकारों का सम्मान किया।

केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहापीएम नरेंद्र मोदी ने लोकल फॉर वोकल का नारा दिया है। हर उत्पाद को जीआई टैग से जोड़ने की व्यवस्था की है। आज बस्तर का शिल्पबांस कलाबेल मेटलटेराकोटाचित्रकला,  दिल्ली में सबको भेंट करने के काम आते हैं। इससे आदिवासी क्षेत्रों में रोजगार मिलता है। बस्तर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों यहां के महापुरुषों को सम्मान दिलाने का कार्य केंद्र सरकार कर रही है। जो कभी कल्पना नहीं भी कर सकता था कि उन्हें पद्मश्री पुरस्कार मिलेगा। उन्हें ढूंढ करके सम्मान देने का कार्य भाजपा सरकार ने किया है। 75 साल में कोई भी आदिवासी राष्ट्रपति नहीं बना था। भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू का देश का आदिवासी राष्ट्रपति बनाया। अगली बार के बस्तर पंडुम में खुद आदिवासी राष्ट्रपति आएंगी और इस आयोजन का उद्घाटन करेंगी।

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