भगवद गीता और नाट्यशास्त्र को अंतरराष्ट्रीय सम्मान
यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारतवासियों के लिए गर्व का क्षण
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (एजेंसियां)। यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में भारत की अब 14 प्रविष्टियां हो गईं हैं। इसके तहत वैश्विक महत्व की दस्तावेजी विरासत को संरक्षित किया जाता है। गीता और नाट्यशास्त्र के इसमें शामिल होने से यूनेस्को में भारत का दबदबा बढ़ गया है। पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में साझेदारी के मसले पर एलन मस्क से वार्ता की।
भगवद गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया। इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताई। उन्होंने इसे दुनिया भर में हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण कहा। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस पर खुशी जताई। पीएम मोदी ने कहा, दुनिया भर में फैले हर भारतीय के लिए यह गर्व का क्षण है। यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में गीता और नाट्यशास्त्र को शामिल किया जाना हमारी शाश्वत बुद्धिमत्ता और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतरदृष्टि दुनिया को प्रेरित करती रहती है।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है। यह वैश्विक सम्मान भारत के शाश्वत ज्ञान और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है। भगवद् गीता एक प्रतिष्ठित धर्मग्रंथ और आध्यात्मिक मार्गदर्शक है। नाट्यशास्त्र, प्रदर्शन कलाओं पर एक प्राचीन ग्रंथ है। यह लंबे समय से भारत की बौद्धिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रमुख स्तंभ है। उन्होंने कहा कि ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं। वे दार्शनिक और सौंदर्यवादी आधार हैं जिन्होंने भारत के विश्व दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्त करने के तरीके को आकार दिया है। इसके साथ ही अब हमारे देश के 14 अभिलेख इस अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल हो गए हैं।
17 अप्रैल को यूनेस्को ने अपने मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में 74 नए दस्तावेजी विरासत संग्रह जोड़े। इससे कुल अंकित संग्रहों की संख्या 570 हो गयी। इस रजिस्टर में 72 देशों और चार अंतरराष्ट्रीय संगठनों की वैज्ञानिक क्रांति, इतिहास में महिलाओं का योगदान तथा बहुपक्षवाद की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रविष्टियां शामिल की गईं। यूनेस्को का मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर विश्व के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज धरोहरों की सूची है। इसमें दस्तावेजी धरोहरों को अंतरराष्ट्रीय सलाहकार समिति की सिफारिश और कार्यकारी बोर्ड की स्वीकृति से चुना जाता है। इस सूची में शामिल होना दस्तावेज़ी धरोहर के वैश्विक महत्व और सर्वकालिक मूल्य को सार्वजनिक रूप से स्वीकार करता है। इससे शोध, शिक्षा, मनोरंजन और संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में साझेदारी को आगे बढ़ाने के मसले पर टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क से लंबी वार्ता की। भारत इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस वर्ष की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हमारी बैठक के दौरान शामिल किए गए विषयों सहित विभिन्न मुद्दों पर एलन मस्क के साथ चर्चा हुई। हमने प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाओं पर बात की। भारत इन क्षेत्रों में अमेरिका के साथ अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।