यूपीसीडा और आईआईटी बीएचयू के बीच हुआ करार
यूपी को फार्मा हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम
वाराणसी/लखनऊ, 09 अप्रैल (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश अब फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भी देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। योगी सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
यह समझौता यूपीसीडा द्वारा बुंदेलखंड के ललितपुर जिले में विकसित किए जा रहे फार्मा पार्क को लेकर है। इस परियोजना के तहत कुल 1,472 एकड़ भूमि पर फार्मास्यूटिकल उद्योगों को स्थापित करने की योजना है। यह भूमि पांच गांवों सैदपुर (426 एकड़), गदोलिकला (249 एकड़), लरगन (239 एकड़), करौंदा (116 एकड़) और रामपुर (441 एकड़) में फैली हुई है।
आईआईटी बीएचयू का फार्मास्यूटिकल इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी विभाग इस परियोजना में प्रमुख भूमिका निभाएगा। विभाग की विशेषज्ञता का लाभ लेकर फार्मा पार्क्स में कार्यरत कंपनियों को योग्य मानव संसाधन, अनुसंधान सहयोग और तकनीकी समाधान प्राप्त होंगे। समझौते के मुख्य बिंदु में शामिल है प्लेसमेंट सहयोग, कौशल विकास और प्रशिक्षण और अनुसंधान एवं नवाचार सहयोग। उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास राज्य में फार्मा सेक्टर के लिए मजबूत आधार तैयार करेगा। फार्मा पार्क को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फार्मा कंपनियों को आकर्षित कर सकें। इससे राज्य में नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस समझौते से न केवल औद्योगिक विकास को बल मिलेगा, बल्कि बुंदेलखंड जैसे पिछड़े क्षेत्र को भी सामाजिक और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी। राज्य के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर मिलेंगे, और वे अपने ही राज्य में एक स्थायी करियर बना सकेंगे। यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा, यह समझौता उत्तर प्रदेश की औद्योगिक यात्रा का एक ऐतिहासिक पड़ाव है। हमारा उद्देश्य केवल जमीन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि एक समावेशी और सशक्त औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। आईआईटी बीएचयू के डीन प्रोफेसर राजेश कुमार ने कहा, हम इस साझेदारी को लेकर उत्साहित हैं। हमारे पास फार्मास्यूटिकल क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की तकनीकी क्षमता है। हम नॉलेज पार्टनर के रूप में अपना योगदान देंगे।