संसद में वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया शुरू

 केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू का ऐलान

 संसद में वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया शुरू

अजमेरशरीफ दरगाह व केरल के पादरी संगठन ने किया समर्थन

केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने समर्थन की अपील जारी की

 

नई दिल्ली, 31 मार्च (एजेंसियां)। केंद्र सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि संसद के मौजूदा सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि संसद में वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने भी कहा था कि सरकार संसद के बजट सत्र में ही वक्फ संशोधन बिल पेश करेगी। अजमेरशरीफ दरगाह के प्रमुख और केरल के पादरी संगठन ने वक्फ संशोधन विधेयक के प्रति अपना समर्थन जताया है। केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने तो वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के लिए अपील तक जारी की है।

केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि संसद में वक्फ बिल पेश करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। उन्होंने सोमवार शाम एक प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार विधेयक के प्रावधानों से जुड़े हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। इस विधेयक में अल्पसंख्यकों के साथ कोई नाइंसाफी नहीं हैऐसी केवल अफवाहें फैलाई जा रही हैं। रिजिजू ने कहा, जो वक्फ विधेयक का विरोध कर रहे हैंवे शक्तिशाली लोग हैं। उन्होंने वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रखा है। वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वही लोग कह रहे हैं कि विधेयक असंवैधानिक है।

केंद्रीय मंत्री ने यह साफ किया कि आलोचना करना सबका अधिकार हैलेकिन उसका कुछ आधार भी होना चाहिए। उन्होंने कहा, धार्मिक प्रतिबद्धताओं और मान्यताओं से परे जाकर कई संगठन विधेयक का समर्थन कर रहे हैं। विधेयक गरीब मुसलमानोंबच्चों और महिलाओं के हित में है। इससे वक्फ बोर्ड के तहत संपत्तियों के प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा, सरकार संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही हैसभी से अपील है कि सदन में बहस और चर्चा में भाग लें। उन्होंने कहा कि संसद के बाहररिकॉर्ड संख्या में परामर्श और विचार-विमर्श हुए हैं। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसीने लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में अब तक की सबसे व्यापक परामर्श प्रक्रिया और सर्वोच्च प्रतिनिधित्व का रिकॉर्ड बनाया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की कैबिनेट ने वक्फ संशोधन बिल को 19 फरवरी को मंजूरी दी थी।

उधर, केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) ने वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन की अपील की है। संगठन के इस कदम का केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने स्वागत किया। केसीबीसी ने कहा है कि विधेयक किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। इस समर्थन पर किरेन रिजिजू ने कहा, मैं केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल (केसीबीसी) द्वारा केरल के सभी सांसदों से मंत्री और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य के रूप में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के अनुरोध का स्वागत करता हूं। राजनीति में शामिल लोगों का यह कर्तव्य है कि वे हमारे लोगों की समस्याओं और चुनौतियों का ध्यान रखें और उनका समाधान करें।

Read More  ब्यौरा भेजने में कोताही कर रहा जिला प्रशासन

रिजिजू ने कहा, उदाहरण के लिए केरल के मुनंबम में सैकड़ों परिवार पीड़ित हैं और अपनी संपत्तियों और घरों की सुरक्षा के लिए समाधान की तलाश कर रहे हैं। यह अधिनियम किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह कुछ लोगों के दिमाग में जहर घोलने के लिए फैलाया जा रहा दुष्प्रचार है। पीएम नरेंद्र मोदी और भारत सरकार हर भारतीय नागरिक के अधिकारों की रक्षा करने का प्रयास करती है और ऐसा करना जारी रखेगी। मुझे पूरी उम्मीद है कि केरल के सभी सांसद सभी लोगों के हित में इस विधेयक का समर्थन करेंगे और तुच्छ तुष्टिकरण की राजनीति के लिए लोगों के हितों की बलि नहीं चढ़ाएंगे। केसीबीसी के कदम का केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी स्वागत किया। उन्होंने कहा, केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) द्वारा उठाया गया यह एक स्वागत योग्य कदम है।

Read More राज्य में स्मार्ट मीटर घोटाला व्यवस्थित रूप से चल रहा: अश्वत्थ नारायण

वक्फ कानून में संशोधन को मुस्लिमों का एक बड़ा तबका भी समर्थन दे रहा है। अजमेर दरगाह के प्रमुख ने कहा है कि नए संशोधन से वक्फ में पारदर्शिता आएगी। मुस्लिमों के अलावा इसे ईसाइयों के एक संगठन का भी समर्थन मिला है। ईसाई संगठन ने केरल के सांसदों को इस संबंध में पत्र लिखा है। ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन और अजमेर दरगाह के प्रमुख सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने मोदी सरकार के कदम को सही ठहराया है। सोमवार 31 मार्च को ईद के मौके पर उन्होंने वक्फ बिल में संशोधन के कई फायदे गिनाए। उन्होंने कहाविरोध-समर्थन लोकतंत्र का हिस्सा है। जहां तक मेरा मानना है कि वक्फ में बदलाव की जरूरत है। वक्फ कानून से मस्जिदें छिन जाएंगीकब्रिस्तान छिन जाएंगेयह कहना सरासर गलत है। सरकार को कोई जल्दबाजी नहीं है। सरकार तसल्ली से इस बिल को लाई थी और सरकार ने ही इसे जेपीसी में भी दिया था। जेपीसी ने सबको सुना है। और इसको अब पेश किया जाएगा। मुझे पूरा यकीन है कि ये बिल आने के बाद वक्फ मामले में पारदर्शिता आएगी। इससे वक्फ संपत्तियों का किराया बढ़ेगाजो कौम के काम आएगा। नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, वक्फ को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। वक्फ के मामले में सरकार कोई दखल नहीं दे रही बल्कि उसके प्रबंधन को और सुदृढ़ कर रही है। उन्होंने पीएम मोदी का सौगात-ए-मोदी को लेकर धन्यवाद किया।

Read More दिल्ली-एनसीआर में 27.4 करोड़ की ड्रग्स जब्त, 5 गिरफ्तार

दूसरी तरफ केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने भी केरल के सांसदों से अनुरोध किया है कि जब यह बिल चर्चा के लिए संसद में पेश किया जाए तो वे इसके पक्ष में वोट करें। इसको लेकर केसीबीसी ने 29 मार्च को बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की। इसमें केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल क्लेमिस कथोलिका बावाउपाध्यक्ष बिशप पॉली कन्नूक्कटन और महासचिव बिशप एलेक्स वडक्कुमथला ने केरल के सांसदों से वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन करने का आग्रह किया है। इस प्रेस विज्ञप्ति में मुनंबन जमीन पर वक्फ को लेकर चल रहे बवाल का भी जिक्र किया गया है। गौरलतब है कि केरल वक्फ बोर्ड ने एर्नाकुलम जिले के मुनंबम में लगभग 404 एकड़ भूमि पर दावा किया हुआ है। इस जमीन पर रहने वाले अधिकांश लोग ईसाई और हिंदू हैं। इस पर विवाद लगातार जारी है।

सनद रहे, जेपीसी ने इस बिल में 14 धाराओं और क्लॉज में कुल 25 संशोधन किए हैं। संशोधित बिल को19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। वक्फ अधिनियम 1995 के तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन किया जाता हैलेकिन भ्रष्टाचारकुप्रबंधन और अतिक्रमण की शिकायतें लगातार आती रही हैं। नए संशोधन बिल में इन समस्याओं को दूर करने के लिए डिजिटलीकरणसख्त ऑडिटपारदर्शिता बढ़ाने और अवैध कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के कानूनी प्रावधान शामिल किए गए हैं।

Tags: