विनाशकारी भूकंप में 150 की मौत, 750 से अधिक घायल
थाईलैंड-म्यांमार में छह बार आए तीव्र भूकंप से भारी नुकसान
हिल गया दक्षिण पूर्वी एशिया, थाईलैंड में इमरजेंसी लागू
भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए झटके
बैंकॉक/सागिंग, 28 मार्च (एजेंसियां)। दक्षिण पूर्वी एशिया के देश म्यांमार और थाईलैंड में एक ही दिन में छह बार भूकंप के झटके लगे। इस विनाशकारी भूकंप में अब तक करीब 150 लोगों की मौत हो गई। 750 से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों का आंकड़ा और भी बढ़ने की आशंका है।
म्यांमार और थाईलैंड में आज लगे भूकंप के तेज झटकों के बाद भारी तबाही हुई। इस शक्तिशाली भूकंप में इमारतों, पुल और बांध को नुकसान हुआ है। दो सबसे अधिक प्रभावित शहरों से विचलित करने वाला मंजर सामने आया है। रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। दोपहर करीब 12 बजे लगे झटकों के कुछ ही देर बाद 6.4 तीव्रता का भूकंप भी आया।
म्यांमार में पहला भूकंप सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7.2 मापी गई। इसके बाद दूसरा झटका दोपहर 12 बजकर दो मिनट पर आया, इसकी तीव्रता 7 मापी गई। इसके बाद एक-एक घंटे के अंतराल पर दो और भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए।
बैंकॉक पुलिस का कहना है कि दोपहर में थाई राजधानी में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप में निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई। इमारत ढहने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। 80 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है। पुलिस के मुताबिक, बैंकॉक के लोकप्रिय चतुचक मार्केट के पास घटना हुई। इस बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं है कि ढहने के समय साइट पर कितने श्रमिक थे। भीषण भूकंप के बाद म्यांमार और थाईलैंड में आपातकाल की घोषणा की गई है। बैंकॉक में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.2 और 7.0 रही। पहले दोनों ही भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर गहराई में था, जबकि तीसरा जमीन से 22.5 किलोमीटर गहराई में आया।
म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार दोपहर आए शक्तिशाली भूकंप से जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। भूकंप से दोनों देशों में अब तक 150 से अधिक मौतों की जानकारी मिली है। 80 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने और 750 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। म्यांमार में भूकंप दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास आया। मांडले में दस लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। इस क्षेत्र में गृह युद्ध चल रहा है और कई जगहों पर इंटरनेट नही है। इसलिए नुकसान का पता लगाना मुश्किल है। म्यांमार में सागिंग शहर से 16 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में भूकंप आया। भूकंप दोपहर 12:50 बजे आया, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। हाल के समय में यह सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है। 7.7 की तीव्रता के झटके के 12 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका आया। इसे आफ्टरशॉक कहते हैं। आफ्टरशॉक से भारी नुकसान का अंदेशा है। म्यांमार के मांडले शहर में आए भूकंप एक मस्जिद और यूनिवर्सिटी पूरी तरह से ढह गई और मलबे का ढेर बन गई। इन दोनों जगहों पर 25 से अधिक लोगों के मलबे में दबे होने की खबर सामने आ रही है। मांडले में भूकंप के बादय एयरपोर्ट पर यात्री इधर-उधर भागते और खुद को बचाते देखे गए। यहां कई इमारतें गिर गईं। मांडले एक बड़ा व्यापारिक केंद्र है। यहां कई ऐतिहासिक मठ भी हैं, जो म्यांमार के बौद्ध धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
उधर, थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने बैंकॉक में आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी है। सरकार ने कहा है कि अगले 24 घंटों में और झटके आ सकते हैं। लोगों को ऊंची इमारतों से दूर रहने और लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है। भूकंप से बैंकॉक के चाटुचाक पार्क इलाके में एक बड़ी इमारत कुछ ही सेकंड में धराशाई हो गई। इससे तीन लोगों की मौत हो गई। 50 लोग घायल बताए गए हैं। 80 से अधिक लोगों के मलबे में फंसे होने का अंदेशा है, जिन्हें निकालने की कोशिशें की जा रही है। यह इमारत निर्माणाधीन थी।
चीन के युन्नान और गुआंग्शी प्रांतों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये प्रांत म्यांमार के पास हैं। भूकंप का असर गोल्डन ट्रायंगल इलाके में भी हुआ है। इस इलाके में म्यांमार, थाईलैंड और लाओस के कुछ हिस्से आते हैं। म्यांमार की सैन्य सरकार ने भी राजधानी नेपीता और मांडले सहित छह क्षेत्रों और राज्यों में आपातकाल की घोषणा की है। देश में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि कई क्षेत्रों तक मदद कैसे पहुंचेगी। रेड क्रॉस ने कहा कि गिरी हुई बिजली की लाइनें मांडले और सागाइंग क्षेत्रों और दक्षिणी शान राज्य तक पहुंचने की कोशिश कर रही उनकी टीमों के लिए चुनौती बढ़ा रही हैं। रेड क्रॉस ने कहा कि शुरुआती रिपोर्ट बताती है कि भूकंप से काफी नुकसान हुआ है। भूकंप के झटके भारत, चीन और बांग्लादेश तक महसूस किए गए।
दक्षिण-पूर्व एशिया में शुक्रवार को आए दो तेज भूकंप से भारी तबाही हुई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं। इस दौरान एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत देखते ही देखते धराशायी हो गई। बैंकॉक में ऊंची-ऊंची छतों पर बने स्विमिंग पूलों से पानी बहकर सड़कों पर आ गया और कई इमारतों से मलबा गिरने लगा। इसके अलावा शहर के साथ-साथ पड़ोसी म्यांमार में भी लोग दहशत में देखे गए।