रुपए के संकेतचिन्ह का अपमान राष्ट्र का अपमान है

रुपए के संकेतचिन्ह का अपमान राष्ट्र का अपमान है

नई दिल्ली, 15 मार्च (एजेंसियां)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु की स्टालिन सरकार द्वारा बजट से रुपए का संकेतचिन्ह (सिंबल) हटाने के निर्णय की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि यह कदम अलगाववाद की भावना को बढ़ाने वाला है। वित्त मंत्री ने स्टालिन सरकार के इस फैसले की टाइमिंग पर भी प्रश्न उठाए हैं। वहीं भारतीय रुपए के सिंबल की डिजाइन करने वाले तमिल प्रोफेसर डी उदय कुमार ने इस विवाद पर गहरा आश्चर्य प्रकट किया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु सरकार के इस कदम को लेकर पूछा है कि डीएमके  सरकार ने अब रुपए के सिंबल को हटाया है लेकिन उसने 2010 में इस पर प्रश्न क्यों नहीं उठाए थे जब कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इसे अपनाया था। वित्त मंत्री ने कहा कि तब तो डीएमके  इस सरकार का हिस्सा भी थी।

उन्होंने कहारुपए का संकेतचिन्ह पूर्व डीएमके  विधायक एन धर्मलिंगम के पुत्र उदय कुमार धर्मलिंगम द्वारा डिजाइन किया गया था। अब इसे हटाकर डीएमके  न केवल एक राष्ट्रीय प्रतीक को अस्वीकार कर रही हैबल्कि तमिलनाडु के एक युवा के काम को भी पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा है कि रुपया शब्द संस्कृत से आया है और इस शब्द का उपयोग तमिल संस्कृति में लम्बे समय से होता आया है। उन्होंने श्रीलंकासेशेल्समॉरीशस समेत और कई देशों के उदाहरण दिए जहां रुपया या इससे मिलता-जुलता शब्द मुद्रा के नाम के लिए उपयोग में लाया जाता है।

उन्होंने इसे दक्षिण एशिया की साझी विरासत बताया है। वित्त मंत्री ने कहा, रुपए का संकेतचिन्ह हटा कर तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्र की अखंडता को कमजोर करने का काम किया है। यह कदम अलगाव की भावना भड़काने वाला है और इससे देश की एकता को खतरा है। रुपए के सिंबल की डिजाइन करने वाले डॉ. उदय कुमार धर्मलिंगम स्वयं तमिलनाडु के रहने वाले हैं और डीएमके  के पूर्व विधायक के ही बेटे हैं। वर्तमान में धर्मलिंगम आईआईटी गुवाहाटी में प्रोफ़ेसर हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसे अवांछित विवाद की उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी।

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धर्मलिंगम ने वर्ष 2010 में ही रुपए के संकेतचिन्ह की डिजाइन तैयार की थी। तब की यूपीए सरकार ने इसके लिए एक प्रतियोगिता करवाई थी। इसमें 3300 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था। इनके बीच से धर्मलिंगम के डिजाइन को मंजूरी मिली थी। तब से यह चिन्ह उपयोग में है। भारतीय मुद्रा के साथ ही इसे बजट और यहां तक कि रिजर्व बैंक के डिजिटल रुपया में भी उपयोग किया गया है। डीएमके  सरकार के इस कदम पर तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा है कि उदय कुमार के डिजाइन को स्टालिन के पिता करुणानिधि ने सराहा था लेकिन उनके बेटे अब इसे नकार रहे हैं। उन्होंने इसे तमिलनाडु के बेटे का अपमान बताया है।

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