१५ अप्रैल तक पानी छोड़ा जाना चाहिए: राजूगौड़ा
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधायक राजूगौड़ा ने आपत्ति जताई है कि डी.के. शिवकुमार कर्नाटक के किसानों के साथ अन्याय कर रहे हैं और पानी तेलंगाना को दे रहे हैं| मल्लेश्वरम स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय जगन्नाथ भवन में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोग पहले ही राज्य की नीतियों के खिलाफ उग्र संघर्ष कर चुके हैं|
उन्होंने मुख्यमंत्री और मंत्री से हमारे लोगों के साथ अन्याय न करने की अपील की| हजारों लोगों की आत्महत्या को रोकने के उद्देश्य से उन्होंने मांग की कि १५ तारीख तक पानी छोड़ा जाए| राज्य सरकार ने २० फरवरी से ५ दिनों तक लगातार ४ बांधों से तेलंगाना के लिए पानी छोड़ा है| उन्होंने बताया कि २ फरवरी को तेलंगाना के तीन मंत्री और पांच विधायक आए थे और १० टीएमसी पानी छोड़ने का अनुरोध किया था|
आईसीसी ने १४ मार्च को एक बैठक आयोजित की और नारायणपुर बाएं किनारे और दाएं किनारे नहर क्षेत्रों में किसानों को २२ मार्च तक पानी उपलब्ध कराने और फिर एक सप्ताह के लिए नहर बंद करने का निर्णय लिया| सलाहकार समिति की बैठक में २ से ६ बजे तक पानी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया| उन्होंने कहा कि निर्णय लेने के दो दिन के भीतर ही उन्होंने डीसी से बात की| मंत्री थिम्मापुरा ने बयान दिया है कि वह पिछले आदेश को रद्द कर देंगे और २३ से २५ तारीख तक पानी छोड़ेंगे| आज हमारे किसानों के सामने समस्या है| उन्होंने कहा कि सूरजमुखी, मूंगफली, कपास, कपड़ा और चावल उत्पादक किसान मुश्किल में हैं|
दो किसान पहले ही आत्महत्या कर चुके हैं| कांग्रेस सरकार एक आंख में मक्खन और दूसरी में चाक डालने का काम कर रही है| उन्होंने इसे किसान विरोधी नीति बताया| वे मात्रा के आधार पर १ से ६ तारीख तक पानी उपलब्ध करा रहे हैं| उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई कि नारायणपुर बांध को पानी नहीं दिया जा रहा है| अगर आप मांगते हैं तो वे कहते हैं कि पीने के लिए पानी नहीं है| यदि ऐसा है तो उन्होंने तेलंगाना को १० टीएमसी पानी कैसे जारी किया|