मंत्री सतीश जारकीहोली ने महादेवप्पा से मुलाकात की
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| दिल्ली से लौटने के बाद लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने शनिवार को समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा से मुलाकात की और महत्वपूर्ण चर्चा की| सिद्धरामैया गुट के करीबी माने जाने वाले सतीश जारकीहोली और महादेवप्पा के बीच हुई बैठक ने काफी उत्सुकता पैदा कर दी है, खासकर उनके दिल्ली से लौटने के बाद| इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सतीश जारकीहोली ने कहा महादेवप्पा और मैं ३० साल से एक-दूसरे से मिलते रहे हैं| इस तरह की चर्चा कई मंत्रियों के साथ भी हो रही है|
उन्होंने कहा कि इसमें कुछ खास बात नहीं है| सतीश जारकीहोली, जिन्होंने पहले मांग की थी कि केपीसीसी को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है, ने अब अपना रुख बदल दिया है और दो टूक जवाब दिया है कि एक अध्यक्ष है और वह पार्टी चला रहा है| हनी ट्रैप के बारे में मंत्री राजन्ना की शिकायत, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि बेंगलूरु में प्रभावशाली नेता हैं, का जवाब देते हुए मंत्री जारकीहोली ने कहा कि यह पता लगाना पुलिस का कर्तव्य है कि इसके पीछे कौन था| हम नहीं कह सकते| जैसा कि राजन्ना ने कहा है, नेताओं को ढूंढने में समय लगता है| देश भर में ऐसे बहुत से लोग हैं| कई घटनाएं भी घटित हुई हैं| उन्होंने कहा कि यह कहना असंभव है कि इन लोगों ने ऐसा किया|
इससे पहले केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने राज्य के लोक निर्माण मंत्री और सिद्धरामैया के करीबी सहयोगी सतीश जारकीहोली के साथ रात्रिभोज पर बैठक की थी| अब तक कांग्रेस के अंदरूनी घेरे में जो रात्रिभोज बैठकें होती रही थीं, उनसे काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी| यह तथ्य कि हाईकमान द्वारा रोक लगाए जाने के बाद मंत्री अब गैर-पार्टी सदस्यों के साथ बैठकें कर रहे हैं, इससे सरकार के भविष्य पर संदेह पैदा हो गया है| ढाई-ढाई साल के सत्ता बंटवारे के फार्मूले के अनुसार, नवंबर तक राज्य में बदलाव की सुगबुगाहट होने लगी थी| मंत्री के.एन. राजन्ना, सतीश जारकीहोली, डॉ. जी. परमेश्वर, और एच.सी. महादेवप्पा ने एक अलग बैठक की और उपमुख्यमंत्री के अतिरिक्त पद के सृजन तथा केपीसीसी अध्यक्ष के परिवर्तन सहित कई मुद्दों को खुली चर्चा के लिए प्रस्तावित किया| इनसे काफी विवाद भी पैदा हुआ| जवाब में, डी.के. शिवकुमार के समर्थकों ने कहा कि डी.के. शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे| इन सब चर्चाओं के बीच अब दिल्ली में हुई रात्रि भोज बैठक ने बड़ी हलचल मचा दी है|
बेलगावी पिछली जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार के पतन का मूल कारण था| सतीश जारकीहोली के भाई रमेश जारकीहोली ने ऑपरेशन कमल की प्रस्तावना लिखी थी| उन्होंने सरकार ही बदल दी| जहां तक कर्नाटक का प्रश्न है, बेलगावी राज्य की राजनीति हमेशा से ही एक ज्वालामुखी की तरह रही है, जो फटने से पहले ही शांत बैठ जाती है|
सतीश जारकीहोली को राज्य की राजनीति में एक मूक व्यक्ति माना जाता है| सतीश जारकीहोली, जो बहुत कम बोलते हैं, के बयानों के पीछे कई छिपे अर्थ हैं| सतीश जारकीहोली ने केपीसीसी अध्यक्ष के बदलाव और उपमुख्यमंत्री के अतिरिक्त पदों को लेकर बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी थी| हनीट्रैप मामले के सार्वजनिक चर्चा में आने का कारण भी सतीश जारकीहोली की शह थी| हनीट्रैप मामले ने जैसे ही माहौल गर्माया, सतीश जारकीहोली कर्नाटक भवन के निर्माण कार्य की निगरानी के बहाने दिल्ली चले गए| वहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और राज्य की राजनीति की पूरी तस्वीर पेश की| हालांकि यह रात्रिभोज बैठक विभिन्न कारणों से आयोजित की गई है, जिनमें औपचारिक यात्रा और विभागीय कार्यक्रमों के लिए समर्थन शामिल है, लेकिन इस बात पर भी गहन चर्चा है कि यह भविष्य में राजनीतिक उथल-पुथल की प्रस्तावना हो सकती है|