काठमांडू में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत, एक की मौत
नेपाल में हिंदू राष्ट्र और राजशाही की वापसी का आंदोलन तेज
30 प्रदर्शनकारी जख्मी, कई इलाकों में कर्फ्यू लागू
काठमांडू, 28 मार्च (एजेंसियां)। पड़ोसी देश नेपाल में शुक्रवार को पुलिस और राजशाही समर्थकों के बीच जोरदार झड़प हो गई। झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई और करीब 30 लोग जख्मी हुए। कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। राजधानी काठमांडू में अफरा-तफरी मची है। यह झड़प काठमांडू एयरपोर्ट के पास हुई। प्रदर्शनकारी नेपाल में राजशाही और हिंदू साम्राज्य की बहाली की मांग कर रहे थे। हालात को देखते हुए काठमांडू के तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई घरों, अन्य इमारतों और वाहनों में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने एक टीवी स्टेशन के साथ-साथ एक पार्टी के कार्यालय पर भी हमला किया। प्रदर्शन में राजशाही की समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के कार्यकर्ता और कई दूसरे संगठनों के लोग शामिल थे।
इससे पहले नेपाल का राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लिए हजारों समर्थक काठमांडू के तिनकुने क्षेत्र में इकट्ठा हुए और उन्होंने राजा आओ, देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजतंत्र वापस चाहिए जैसे नारे लगाए। उन्होंने नेपाल में राजतंत्र की बहाली की मांग की। हालात को देखते हुए काठमांडू में सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और कानून का उल्लंघन करने के आरोप में कई युवाओं को हिरासत में ले लिया गया है।
नेपाल में कुछ दिन पहले हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे और उन्होंने राजशाही को बहाल किए जाने की मांग की थी। नेपाल के लोग अपने देश में राजा का शासन फिर से वापस लाना चाहते हैं। नेपाल दुनिया का आखिरी हिंदू राजतंत्र था। नेपाल 240 साल तक हिंदू राष्ट्र रहा लेकिन 2008 में इसे लोकतांत्रिक देश घोषित कर दिया गया। 2006 में हुए जन आंदोलन के बाद नेपाल में राजशाही का अंत हो गया था। राजशाही का शासन खत्म होने के बाद से यहां पर 13 अलग-अलग सरकारें आ चुकी हैं। नेपाल में कई लोगों का मानना है कि यहां लोकतंत्र का शासन फेल हो गया है और भ्रष्टाचार, आर्थिक तंगी और राजनीतिक अस्थिरता के हालात हैं। इस वजह से लोग राजशाही की वापसी चाहते हैं।
कई ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कुछ साल पहले राजशाही का विरोध किया था लेकिन अब उन्हें ऐसा लगता है कि पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को एक बार फिर देश की कमान संभालनी चाहिए। नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को एक वीडियो संदेश जारी कर राजशाही की बहाली की मांग की थी। देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक स्थलों का दौरा करने के बाद पोखरा से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे ज्ञानेंद्र के समर्थन में राजशाही समर्थक कार्यकर्ताओं ने 9 मार्च को एक रैली भी आयोजित की थी। वहीं, कुछ समर्थकों ने ज्ञानेंद्र के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पोस्टर भी दिखाए थे।