पर्यटकों के लिए खुल गया ट्यूलिप गार्डन
फूल खिले गुलशन गुलशन
सुरेश एस डुग्गर
जम्मू, 26 मार्च। श्रीनगर में एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन जनता के लिए खोल दिया गया है। यह ट्यूलिप शो 2025 की शुरुआत का प्रतीक है। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 1.7 मिलियन से अधिक ट्यूलिप की लुभावनी प्रदर्शनी का अनावरण करते हुए इस गार्डन का उद्घाटन किया।
अधिकारियों ने बताया कि टूरिस्टों के लिए आधिकारिक तौर पर गार्डन खोलने के बाद, मुख्यमंत्री ने इसका दौरा किया और खिलते हुए ट्यूलिप को देखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इस साल गार्डन में विभिन्न किस्मों के 1.7 मिलियन ट्यूलिप खिलेंगे, जो आने वालों को मंत्रमुग्ध कर देंगे। उम्मीद है कि यह गार्डन स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करेगा, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा
2007 में अपनी स्थापना के बाद से पिछले साल इस उद्यान में 4,65,000 पर्यटकों की सर्वकालिक उच्च संख्या देखी गई है। 2023 में, उद्यान में 3,65,000 पर्यटकों का स्वागत किया गया। अधिकारी इस मौसम के दौरान फिर से रिकार्ड तोड़ने के बारे में आशावादी हैं। उद्यान प्रभारी जाविद मसूद ने कहा कि हमने खिलने की अवधि बढ़ाने और टूरिस्टों को लंबे समय तक उद्यान का आनंद लेने की अनुमति देने के लिए चरणों में ट्यूलिप बल्ब लगाए हैं। मनमोहक ट्यूलिप के अलावा, 55 हेक्टेयर के इस उद्यान में जलकुंभी, डेफोडिल, मस्करी और साइक्लेमेन जैसे कई तरह के वसंत के फूल खिलेंगे।
इस बीच, अनुमानित उछाल को समायोजित करने के लिए, अधिकारियों ने पार्किंग सुविधाओं को बढ़ाया है और श्रीनगर हवाई अड्डे और पर्यटक स्वागत केंद्र सहित प्रमुख स्थानों पर आनलाइन टिकटिंग सिस्टम और क्यूआर कोड-आधारित बुकिंग सुविधाएं शुरू की हैं। फ्लोरीकल्चर के निदेशक शकील-उल-रहमान राठेर ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य भीड़ को कम करना और भीड़ को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना है। राठेर ने कहा कि हमने कई देशों के पर्यटन विभागों के साथ भागीदारी की है, जिससे यात्रियों को उनकी वेबसाइटों के माध्यम से टिकट बुक करने की अनुमति मिलती है। वे कहते हैं कि पहली बार, हम आनलाइन और भौतिक टिकट दोनों विकल्प दे रहे हैं, और अगले दो से तीन वर्षों के भीतर, पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी। पर्यटकों की आमद को और कम करने के लिए, टिकट अब चुनिंदा होटलों में उपलब्ध हैं। राठेर कहते थे कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वैध टिकट वाले लोग ही उद्यान में जाएं, जिससे भीड़ को प्रबंधित करने और ट्रैफिक की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी।
डल झील का इतिहास तो सदियों पुराना है। पर ट्यूलिप गार्डन का मात्र 17 साल पुराना। मात्र 17 साल में ही यह उद्यान अपनी पहचान को कश्मीर के साथ यूं जोड़ लेगा कोई सोच भी नहीं सकता था। डल झील के सामने के इलाके में सिराजबाग में बने ट्यूलिप गार्डन में ट्यूलिप की 75 से अधिक किस्में आने-जाने वालों को अपनी ओर आकर्षित किए बिना नहीं रहती हैं। यह आकर्षण ही तो है कि लोग बाग की सैर को रखी गई फीस देने में भी आनाकानी नहीं करते। जयपुर से आई सुनिता कहती हैं कि किसी बाग को देखने का यह चार्ज ज्यादा है पर भीतर एक बार घूमने के बाद लगता है यह तो कुछ भी नहीं है।
सिराजबाग हरवान-शालीमार और निशात चश्माशाही के बीच की जमीन पर करीब 700 कनाल एरिया में फैला हुआ है। यह तीन चरणों का प्रोजेक्ट है जिसके तहत अगले चरण में इसे 1360 और 460 कनाल भूमि और साथ में जोड़ी जानी है। शुरू-शुरू में इसे शिराजी बाग के नाम से पुकारा जाता था। असल में महाराजा के समय उद्यान विभाग के मुखिया के नाम पर ही इसका नामकरण कर दिया गया था