साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए गठित होगी अलग एजेंसी: गृह मंत्री परमेश्वर
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने कहा कि साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए अहमदाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की तर्ज पर एक अलग संस्थान स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा| शहर में सीआईडी कोड २०२५ सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा दुनिया का विस्तार हो रहा है|
प्रौद्योगिकी के विकास ने भौगोलिक सीमाएं समाप्त कर दी हैं| जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी विकसित होती है, वैसे-वैसे इसकी सुरक्षा चुनौतियाँ भी बढ़ती हैं| उन्होंने कहा कि पुलिस को समय-समय पर उन्हें समझाने और उनसे निपटने का कौशल विकसित करना चाहिए| कर्नाटक सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ साइबर अपराध नियंत्रण में भी अग्रणी है| साइबर अपराध के संबंध में विधानसभा में ६,००० से अधिक प्रश्न पूछे गए हैं|
उन्होंने कहा कि मैंने उनका उत्तर दे दिया है| अगला सम्मेलन भविष्य की चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा| पहली बार कर्नाटक ने इंफोसिस के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करके साइबर सुरक्षा का ध्यान रखा है| इंफोसिस की सुधा मूर्ति ने २० करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी| राज्य में ४५,००० लोगों को साइबर अपराध पर प्रशिक्षण दिया गया है|
उन्होंने कहा कि न केवल पुलिस बल्कि न्यायपालिका और अभियोजन विभाग को भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा| शैक्षणिक क्षेत्र में भी, विश्वविद्यालय साइबर चुनौतियों और सुरक्षा पर पाठ्यक्रम तैयार कर रहे हैं और पढ़ा रहे हैं| कर्नाटक सरकार ने ५४ साइबर पुलिस स्टेशन शुरू किए हैं| उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र पर १०३ करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं|
उन्होंने अहमदाबाद स्थित केंद्रीय साइबर विश्वविद्यालय का दौरा किया था और राज्य में भी ऐसा ही विश्वविद्यालय स्थापित करने का विचार उनके मन में आया था| उन्होंने कहा कि इसके बदले में साइबर अपराधों के संबंध में जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षा उपाय करने के लिए एक उच्च संस्थान की स्थापना की जाएगी| इंफोसिस फाउंडेशन द्वारा डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया और सीआईडी संयुक्ताश्रय में आयोजित कार्यक्रम में इंफोसिस फाउंडेशन के ट्रस्टी सुनील कुमार धरेश्वर, डीएससीआई के सीईओ विनायक गोडसे, राज्य गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव उमाशंकर, पुलिस महानिदेशक डॉ. आलोक मोहन, सीआईडी के डीजीपी डॉ. एमए सलीम, पुलिस महानिदेशक प्रणव मोहंती, मालिनी कृष्णमूर्ति आदि उपस्थित थे|