2025 में औसत वेतन में 8.8 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी : रिपोर्ट

2025 में औसत वेतन में 8.8 प्रतिशत बढ़ोतरी होगी : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 07 मार्च (एजेंसी) भारतीय कंपनियां वर्ष 2025 में औसत वेतन वृद्धि को 8.8 प्रतिशत तक सीमित रख सकती हैं तथा वर्ष 2024 में इसके 9.0 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

डेलॉइट इंडिया के शुक्रवार को जारी टैलेंट आउटलुक 2025 सर्वेक्षण के अनुसार, कंपनियां वेतन वृद्धि लागत बजट को संतुलित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि 75 प्रतिशत कंपनियां वेतन वृद्धि को या तो घटाएंगी या पिछले साल के समान स्तर पर बनाए रखेंगी। इसके अलावा उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्र में वेतन वृद्धि बजट में उल्लेखनीय कमी की संभावना है।

संगठनों के भीतर प्रमुख प्रतिभाओं को बनाए रखने की रणनीति के तहत, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को औसत प्रदर्शन करने वालों की तुलना में 1.7 गुना अधिक वेतन वृद्धि मिल सकती है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। वहीं, कनिष्ठ प्रबंधन और व्यक्तिगत योगदानकर्ता स्तर के कर्मचारियों को शीर्ष प्रबंधन की तुलना में 1.3 गुना अधिक वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है। हालांकि, पदोन्नति पाने वाले कर्मचारियों का कुल प्रतिशत लगभग 12 प्रतिशत पर स्थिर रहने का अनुमान है और एक तिहाई कंपनियों को पिछले साल की तुलना में कम पदोन्नति देने की उम्मीद है।

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 2024 में कर्मचारियों की संख्या में कमी 17.4 प्रतिशत रही, इसके बावजूद 80 प्रतिशत कंपनियां आगामी वित्तीय वर्ष में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रही हैं।

डेलॉइट इंडिया के साझेदार प्रखर त्रिपाठी ने कहा कि राजस्व वृद्धि में गिरावट के चलते कंपनियों पर मुआवजा बजट का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, नियंत्रित एट्रिशन और मध्यम मुद्रास्फीति कंपनियों को वेतन वृद्धि को अनुकूलित करने में मदद कर रही है।

तकनीकी विकास और अपस्किलिंग पर जोर देते हुए, कई संगठन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित अपस्किलिंग, कौशल-अंतराल विश्लेषण और डेटा-संचालित शिक्षण मॉडल अपनाने पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि, हर दो में से एक संगठन यह स्वीकार करता है कि उनके पास एक संरचित योग्यता ढांचा नहीं है या वे इसे नियमित रूप से अपडेट नहीं करते हैं।

मानव संसाधन (एचआर) में प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से डेटा-संचालित निर्णय लेने में सुधार हुआ है, लेकिन कई कंपनियों को एचआर प्रणाली के एकीकरण, रखरखाव लागत और कर्मचारियों द्वारा इसे अपनाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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