ईडी ने 661 करोड़ की सम्पत्ति जब्त करने की मंजूरी मांगी
अवैध सम्पत्तियों को लेकर मुश्किल में गांधी परिवार
नई दिल्ली, 18 अप्रैल (एजेंसियां)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की है। ईडी ने नवंबर 2023 में अटैच की गई 661 करोड़ रुपए की सम्पत्ति को जब्त करने के लिए मंजूरी मांगी है। ईडी ने कहा है कि मंजूरी मिलने के बाद जब्त की गई सम्पत्तियां नीलामी या किसी अन्य ऐसी प्रक्रिया के जरिए सरकारी खजाने में चली जाएंगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने (ईडी) ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड-यंग इंडियन-नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दायर आरोपपत्र में 661 करोड़ रुपए की सम्पत्ति जब्त करने की मांग की है। ईडी ने यह सम्पत्ति जांच के दौरान अटैच की थी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने अभियोजन पक्ष के आरोपपत्र में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान भी संलग्न किए हैं। ये बयान ईडी ने 2022 में उनसे पूछताछ के दौरान दर्ज किए थे।
ऐसा माना जाता है कि उन्होंने एजेएल और यंग इंडियन के मामलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इन्कार किया है और कहा है कि वे पूर्व कर्ज में डूबी कंपनी (एजेएल) की मदद के लिए आयोजित बैठकों का हिस्सा थे, लेकिन इन मामलों को ज्यादातर दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा ने देखा था, जो अन्य पदाधिकारियों के अलावा 2001 और 2002 के बीच एजेएल के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। साथ ही कहा कि यंग इंडियन (वाईआई) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) का अधिग्रहण व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं था। आरोपपत्र ईडी ने सक्षम अदालत के समक्ष 9 अप्रैल को दायर किया गया था। यह अदालत सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई करती है। अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 25 अप्रैल तय की है।
एजेंसी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए आरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की है। साथ नवंबर 2023 में अटैच की गई 661 करोड़ रुपए की सम्पत्ति को जब्त करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि सफल सुनवाई के बाद जब्त की गई ये सम्पत्तियां नीलामी या किसी अन्य ऐसी प्रक्रिया के जरिए सरकारी खजाने में चली जाएंगी। सूत्रों के अनुसार, एजेएल की बैलेंस शीट की जांच में यह भी पता चला है कि कंपनी को 2023 तक अपनी विभिन्न सम्पत्तियों से 142.67 करोड़ रुपए का किराया मिला है। अतीत में प्राप्त किराये का उपयोग मुख्य रूप से वाणिज्यिक स्थलों के विकास में किया गया है, विशेष रूप से मुंबई में ताकि व्यापारिक संभावनाओं का पूरा दोहन किया जा सके।
समझा जाता है कि दोनों शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने पार्टी के कानूनी रुख को दोहराया कि यंग इंडियन कंपनी अधिनियम के तहत धारा-25 के तहत एक इकाई है और इसलिए इसके जरिये कोई वाणिज्यिक गतिविधि नहीं हो सकती और न ही शेयरधारकों को कोई व्यक्तिगत लाभ हो सकता है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यंग इंडियन के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं। आरोपपत्र में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी (78) को आरोपी नंबर एक और उनके बेटे राहुल गांधी (54) को आरोपी नंबर दो के रूप में नामित किया गया है। इसके अलावा पांच अन्य का नाम भी आरोपी नंबर एक के रूप में दर्ज है।
एजेंसी ने आरोपपत्र में कांग्रेस नेता पवन बंसल और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयानों को भी संलग्न किया है। इसमें एजेएल-वाईआई और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की घटनाओं का वर्णन किया गया है, ताकि यह साबित हो सके कि वाईआई के लाभकारी मालिकों (सोनिया गांधी और राहुल गांधी) द्वारा एजेएल की अंतर्निहित परिसम्पत्तियों को अवैध रूप से प्राप्त करने के लिए एक साजिश रची गई थी। एजेएल नेशनल हेराल्ड न्यूज प्लेटफार्म (समाचार पत्र और वेब पोर्टल) का प्रकाशक है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। कांग्रेस ने आरोपपत्र की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि उसके नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई निरंकुश सरकार की घबराहट और नैतिक दिवालियापन को दर्शाती है, जो जनता के मुद्दों और चल रहे आर्थिक संकट से ध्यान हटाना चाहती है।