ग्राहम स्टेंस हत्याकांड के दोषी महेंद्र हेम्ब्रम 25 साल बाद रिहा

ग्राहम स्टेंस हत्याकांड के दोषी महेंद्र हेम्ब्रम 25 साल बाद रिहा

भुवनेश्वर, 17 अप्रैल (एजेंसियां)। वर्ष 1999 में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो बेटों की हत्या के मामले में दोषी महेंद्र हेम्ब्रम को ओड़ीशा की केंदुझर जेल से बुधवार को रिहा कर दिया गया। महेंद्र ने 25 साल की सजा पूरी की थी।

महेंद्र की रिहाई ओड़ीशा राज्य दंड पुनरीक्षण बोर्ड की मंजूरी के बाद अच्छे आचरण के आधार पर की गई। जेल अधिकारियों ने हेम्ब्रम को अच्छे व्यवहार के लिए सम्मानित करते हुए औपचारिक विदाई दी और माला पहनाई। जेल से बाहर निकलने के बाद 50 वर्षीय हेम्ब्रम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे धर्मांतरण से जुड़े एक मामले में झूठा फंसाया गया था। मैंने 25 साल जेल में बिताए हैं और आज रिहा हुआ हूं।

जेलर मनस्विनी नायक ने पुष्टि की कि हेम्ब्रम ने राज्य की समयपूर्व रिहाई नीति के तहत सभी आवश्यक शर्तें पूरी की थीं। उन्होंने कहा कि महेंद्र हेम्ब्रम को राज्य दंड पुनरीक्षण बोर्ड के निर्णय के अनुसार और नियमों के अनुरूप रिहा किया गया है । जेल प्रशासन ने हेम्ब्रम को एक बैंक पासबुक भी सौंपीजिसमें उनकी जेल अवधि के दौरान की गई श्रम की कमाई जमा की गई थी। ओड़ीशा सरकार की 2022 की समयपूर्व रिहाई नीति के अनुसारआजीवन कारावास पाए दोषियों को रिहा करने से पहले कम से कम 14 साल की सजा पूरी करनी होती है।

गंभीर मामलोंजैसे कि हत्यामें यह अवधि आमतौर पर 20 से 25 साल की होती है। वृद्ध कैदियों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं—60 वर्ष से अधिक आयु की महिला और 65 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष दोषियों को अलग से विचार किया जाता है। इस निर्णय की प्रक्रिया में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की सिफारिशें शामिल होती हैंजिसके बाद दंड पुनरीक्षण बोर्डमुख्यमंत्री कार्यालय और अंत में राज्यपाल की मंजूरी ली जाती है।

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अब इस मामले में दूसरे प्रमुख दोषी दारा सिंह की रिहाई याचिका पर ध्यान केंद्रित हो रहा है। दारा सिंह को 2003 में भुवनेश्वर की सीबीआई अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी लेकिन उस सजा को 2005 में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास में बदल दिया था। दारा सिंह भी पिछले 25 वर्षों से केंदुझर जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च को ओडिशा सरकार को निर्देश दिया था कि वह दारा सिंह की रिहाई याचिका पर छह सप्ताह के भीतर निर्णय ले। इस याचिका पर सुनवाई मई के आरंभ में होने की संभावना है। दारा सिंह ने राज्य की समयपूर्व रिहाई नीति के अधिक उदार व्याख्या की मांग करते हुए जल्दी रिहाई की अर्जी दी है। ज्ञात हो कि 2003 में भुवनेश्वर स्थित सीबीआई अदालत ने दारा सिंह को फांसी और 12 अन्य कोजिनमें हेम्ब्रम भी शामिल थेआजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने इनमें से 11 सह-अभियुक्तों को बरी कर दिया था।

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