देश की एजेंसियों पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध: देवनानी

देश की एजेंसियों पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध: देवनानी

उदयपुर , 16 अप्रैल (एजेंसी)। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन सरकारी एजेंसियों की स्वायत्तता पर सवाल उठाना देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

श्री देवनानी ने बुधवार को उदयपुर सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की जड़े इतनी गहरी है कि कोई भी लोकतंत्र को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। संविधान में स्पष्ट लिखा है कि यदि केंद्र सरकार बहुमत के साथ किसी बिल को पास करती है तो उसे सभी राज्यों को मानना पड़ता है। यह संघीय ढांचे का आधार है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन सरकारी एजेंसियों की स्वायत्तता पर सवाल उठाना देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा कि वक्फ बिल संसद के दोनों सदनों ने पारित किया है, इसके बावजूद इस पर सवाल उठाना संविधान की मूल भावना पर सवाल उठाने के समान है। उच्चत्तम न्यायालय ने भी वक्फ बिल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सभी राजनीतिक दलों को देश की सर्वोच्च अदालत और संवैधानिक सदनों पर विश्वास रखना चाहिए।

विधायिका के प्रति राज्य की कार्यपालिका को उत्तरदायी बनाने का प्रयास किया गया है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। विधानसभा में 10 हजार से अधिक लंबित प्रश्नों में से 95 प्रतिशत के जवाब आए हैं। इनमें लगभग साढ़े चार हजार प्रश्न तो 15वीं विधानसभा के भी लंबित थे। इससे लोकतंत्र व जनता के प्रति उत्तरदायी शासन की संकल्पना मजबूत हुई है। पहली बार विधानसभा में पेपरलेस कार्रवाई, विधायकों के लिए आईपेड उपलब्ध करवाने सहित कई नवाचार किए गए हैं। यह पर्यावरण के लिए भी लाभदायी है और गुड गवर्नेंस के लिए भी। महाराणा प्रताप का शौर्य, आदिवासी संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों और कलाकृतियों को विधानसभा के राजनीतिक आख्यान संग्रहालय में संजोया गया है। इससे नई पीढ़ी को हमारी अनमोल धरोहर से रूबरू होने का मौका मिल रहा है।

श्री देवनानी ने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में भारत एक मजबूत ताकत बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आर्थिक, सामयिक और सांस्कृतिक ऊंचाइयों को छू रहा है। यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वो नेशन फर्स्ट का भाव रखे।

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